Thursday, December 2, 2010

16वें एशियाई खेलों का समापन

चीन में ग्वांग्झू में 27 नवम्बर को 16वें एशियाई खेलों का समारोहपूर्वक समापन हुआ। ये अब तक के सबसे बड़े एशियाई खेल थे जहाँ 42 खेलों में 476 स्वर्ण पदकों का फ़ैसला हुआ। 17वें एशियाई खेल दक्षिण कोरिया के इंचियोन में शहर आयोजित किए जाएंगे। इन खेलों में चीन ने 199 स्वर्ण, 119 रजत और 98 काँस्य पदकों सहित कुल 416 पदक जीते। दूसरे स्थान पर रहे दक्षिण कोरिया के 76 स्वर्ण, 65 रजत और 91 कांस्य पदकों सहित कुल 232 पदक थे। जापान 48 स्वर्ण पदकों के साथ तीसरे स्थान पर रहा। भारत को 14 स्वर्ण, 17 रजत, 33 कांस्य सहित कुल 66 पदक प्राप्त हुए। वह छठवें स्थान पर रहा।
चीन ने जीते सर्वाधिक पदक
इन खेलों में 45 एशियाई देशों और क्षेत्रों के लगभग 10 हज़ार एथलीट्स ने हिस्सा लिया। पदक तालिका में 36 देशों और क्षेत्रों को जगह मिली जबकि स्वर्ण कुल मिलाकर 28 देशों और क्षेत्रों ने जीते। इनमें 1400 ड्रग टेस्ट हुए जिनमें से दो लोगों के नमूने पॉज़िटिव पाए गए। एथलेटिक्स में चीन का बोलबाला रहा जहां उसने 13 स्वर्ण सहित कुल 36 पदक जीते। दूसरे नंबर पर पांच स्वर्ण के साथ भारत रहा। बास्केटबॉल में भी चीन ने पुरुष और महिला दोनों वर्गों में स्वर्ण अपने पास बरक़रार रखा। मुक्केबाज़ी में चीन ने पांच स्वर्ण सहित कुल 10 पदक जीते जबकि भारत के पास दो स्वर्ण सहित कुल नौ पदक आए। फ़ुटबॉल में जापान ने महिलाओं और पुरुषों दोनों ही वर्गों में स्वर्ण पदक पर क़ब्ज़ा किया। हॉकी में चीन ने महिलाओं का स्वर्ण जीता। उधर कुश्ती में ईरान सबसे आगे रहा, जिसने सात स्वर्ण पदक जीते, जापान को तीन स्वर्ण मिले।
भारत का प्रदर्शन-राउंडअप
भारत को सबसे ज्यादा स्वर्ण पदक एथलेटिक्स में मिले। इसके साथ ही पिछले खेलों के मुक़ाबले मुक्केबाज़ी में भारत के प्रदर्शन में सबसे ज़बर्दस्त सुधार हुआ। टेनिस में भी भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया और दो स्वर्ण, एक रजत और दो काँस्य पदक जीते। एथलेटिक्स के अलावा अलग अलग वर्ग के दौड़ में भी भारत ने अपना परचम लहराया। दोहा एशियाई खेलों निशानेबाज़ी (पिस्टल के मुक़ाबलों) में भारत को तीन स्वर्ण मिले थे जबकि यहां मात्र एक स्वर्ण मिला। पिछले एशियाई खेलों में सिर्फ़ दो काँस्य पदक लाने वाले मुक्केबाज़ों ने इस बार भारत को कुल नौ पदक दिलाए और उसमें भी दो स्वर्ण थे। रोइंग ने पाँच पदक दिलाए जिसमें बजरंग लाल टाखर का पुरुषों के एकल स्कल्स में स्वर्ण भी शामिल था। पंकज आडवाणी ने बिलियर्ड्स में पहला स्वर्ण भारत को दिलाया। शतरंज में देश को मात्र दो काँस्य पदकों से ही संतोष करना पड़ा। टेनिस में सोमदेव देवबर्मन ने एकल और युगल में स्वर्ण जीता। तीरंदाज़ी में भारतीय पुरुष और महिला टीमों को काँस्य पदक मिले। आशीष कुमार ने भारत को पहली बार एशियाई खेलों में काँस्य दिलाया। इसी तरह तैराकी में भारत को 24 साल बाद कोई पदक मिला। भारतीय हॉकी टीमें स्वर्ण जीतकर सीधे लंदन ओलंपिक के लिए क्वॉलिफ़ाई करने के इरादे से आई थीं मगर महिला टीम तो चौथे स्थान पर रही जबकि पुरुष टीम सेमीफ़ाइनल में मलेशिया से हार गई और बाद में काँस्य जीत सकी। कबड्डी में महिलाओं के वर्ग में स्वर्ण भारत को ही मिला। राष्ट्रमंडल खेलों में अच्छे प्रदर्शन के बाद कुश्ती से भारत को काफ़ी उम्मीदें थीं मगर अलका तोमर और सुशील कुमार जैसे प्रमुख पहलवानों की ग़ैर-मौजूदगी में भारत सिर्फ़ तीन काँस्य पदक ही जीत सका।

पदक तालिका
स्थान देश स्वर्ण रजत कांस्य कुल
1 चीन 199 119 98 416
2 दक्षिण कोरिया76 65 91 232
3 जापान 48 74 94 216
4 ईरान 20 14 25 59
5 कजाकिस्तान18 23 38 79
6 भारत 14 17 33 64
7 चीनी ताइपे 13 16 38 67
8 उज्बेकिस्तान11 22 23 56
9 थाईलैण्ड 11 9 32 52
10 मलेशिया 9 18 13 40
11 हांगकांग 8 15 17 40
12 उत्तर कोरिया6 10 20 36
13 सऊदी अरब 5 3 5 13
14 बहरीन 5 0 4 9
15 इंडोनेशिया4 9 13 26
16 सिंगापुर 4 7 6 17
17 कुवैत 4 6 1 11
18 कतर 4 5 7 16
19 फिलीपींस3 4 9 16
20 पाकिस्तान 3 2 3 8

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