Sunday, December 26, 2010

सरकोजी की यात्रा से भारत-फ्रांस में बढ़ी समझदारी

फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी चार दिवसीय यात्रा पर चार दिसम्बर को भारत आए। दशकों पुराने भारत-फ्रांस संबंधों में यह यात्रा बेहद महत्वपूर्ण पड़ाव मानी जा रही है। सरकोजी भारत यात्रा पर दूसरी बार आए। इससे पहले वह 2008 में गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि थे। सरकोजी और उनकी पत्नी कार्ला ब्रूनी ने अपनी यात्रा बंगलुरू से शुरु की और मुंबई पर खत्म। भारत के इन दोनों शहरों का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्व है। मुंबई आर्थिक राजधानी है और बंगलुरू को तकनीकी राजधानी कहा जाने लगा है। इस यात्रा के विभिन्न पड़ावों पर फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने भारत के साथ सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की पहल की। उनके साथ फ्रांसीसी मंत्रिमंडल के 6 मंत्री और विभिन्न कंपनियों के 70 मुख्य कार्यकारी अधिकारी शामिल थे।
यात्रा का उद्देश्य-
भारत दौरे से फ्रांस यहां के व्यापार में अपनी और पकड़ बनाना चाहता था। इस तरह के विशाल शिष्टमंडल को साथ लाने का उद्देश्य आर्थिक मसलों पर आपसी विश्वास को बढ़ावा देना है। फ्रांस व भारत की वार्ताओं का मुख्य केंद्र परमाणु ऊर्जा एवं रक्षा समझौता रहा। ज्ञात हो कि भारत ने पहला परमाणु करार फ्रांस के साथ ही किया था। यह अमेररीका से हुए परमाणु करार से अधिक दूरगामी था और इसमें अमेरिकी करार की तरह शर्तें भी नहीं थोपी गयी थीं। निकोलस सरकोजी की इस यात्रा में उसी करार को आगे बढ़ाने की मंशा थी, जिसे काफी हद तक पूरा किया गया। फ्रांस से भारत के रिश्ते सदा से अच्छे रहे हैं। उस दौर में भी, जब अमेरिका समेत सारा पश्चिम हमारे खिलाफ था।
बढ़ा सहयोग-
भारत-फ्रांस के बीच परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए कुल सात समझौते हुए हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है महाराष्ट्र के जैतपुर में परमाणु बिजली संयंत्र की फ्रांसीसी सहयोग से स्थापना। फ्रांसीसी कंपनी अरेवा और भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड के बीच 25 अरब डालर का बुनियादी समझौता हुआ। यह करार सबसे महत्वपूर्ण इसलिए माना जा रहा है कि इससे भारत के परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में थमे हुए पहिए फिर रफ्तार पकड़ते नजर आएंगे। अपनी बिजली की जरूरत पूरी करने के लिए पारंपरिक जैविक ईंधन की जगह नाभिकीय ऊर्जा का इस्तेमाल करने की भारत की कोशिश इस समझौते से पूरी होगी। इन महत्वपूर्ण समझौतों के अतिरिक्त निकोलस सरकोजी ने भारत को आधुनिक रक्षा तकनीक मुहैया कराने की इच्छा जताई। रूस का विमान मिग और फ्रांस का मिराज भारतीय सेना को सशक्त बनाते रहे हैं। सरकोजी ने भारत को सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता दिलाने की मंशा जाहिर की। इससे भारत सर्वाधिक उत्साहित हुआ है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ मुलाकात में पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पनप रहे आतंकवाद पर भी चिंता जाहिर की। इनके अलावा दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक, शैक्षणिक सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा हुई, जिसका लाभ इस देश के प्रतिभाशाली छात्रों को मिलेगा।
परमाणु सहयोग को महत्व-
फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने साझा संवाददाता सम्मेलन में भारत को सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता दिलाने में फ्रांसीसी सहयोग के मुद्दे को सर्वाधिक महत्व दिया, लेकिन व्यवहारतः इस यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा भारत और फ्रांस के बीच दो परमाणु रिएक्टर लगाने का सौदा ही था, जो 9.3 अरब डॉलर का है। परमाणु तकनीक में फ्रांस आगे है और जब सोवियत संघ और अमेरिका या वारसा संधि और नाटो देशों के बीच तनातनी का दौर था, तब फ्रांस शांतिपूर्ण कामों के लिए परमाणु तकनीक बेचने वाला सबसे बड़ा देश बन गया था। इधर भी अमेरिका से परमाणु करार होने और परमाणु दायित्व का मसला सुलझ जाने के बाद से ऐसे सौदों की उम्मीद की जा रही थी। भारत कुल 20 परमाणु संयंत्र लगाकर अपनी ऊर्जा की जरूरतों में आ रही कमी को पूरा करना चाहता है और फ्रांस से जो समझौता हुआ है, यह उसी का हिस्सा है। परमाणु बिजली को हमारी ऊर्जा की जरूरतों का विकल्प माना जा रहा है।

भारत-रूस में अहम सैनिक परमाणु सहयोग समझौता

रूस के राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेमेव ने अपनी आधिकारिक भारत यात्रा 21 दिसम्बर को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात के साथ शुरू की। इस दौरान भारत और रूस के बीच 11 समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें असैनिक परमाणु सहयोग पर अहम समझौता शामिल है। रूसी राष्ट्रपति रूस के आर्थोडॉक्स चर्च के सर्वोच्च धर्मगुरु पेट्रिआर्च एलेक्सी द्वितीय के निधन के कारण तीन दिन की यात्रा बीच में छोड़कर स्वदेश लौट गए। यात्रा की मुख्य बात यह रही कि मेदवेदेव ने भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार की सूरत में भारत को स्थाई सदस्य के रूप में मौका दिए जाने का समर्थन किया। उन्होंने कहा, अगर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का विस्तार होता है, तो भारत स्थाई सदस्य बनने का हकदार है। दोनों देशों के बीच ये सहमति बनी है कि 2015 तक द्विपक्षीय व्यापार को 20 अरब डॉलर किया जाएगा।
ये हुए समझौते
परमाणु क्षेत्र में सहयोग के अलावा दोनों देशों के बीच तेल और गैस क्षेत्र, अंतरिक्ष, विज्ञान और तकनीक तथा फार्मा क्षेत्र में समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं। अवैध अप्रवासियों को रोकने और हाइड्रोकार्बन सेक्टर में भी भारत और रूस के बीच सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर हुए। इसके अलावा 2015 तक द्विपक्षीय व्यापार को 20 अरब डॉलर तक बढ़ाने, इनमें चुनाव के क्षेत्र में मदद, आपातकाल से ल़डने में सहायता, द्विपक्षीय विज्ञान एवं तकनीक संस्थान खोलने, सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सूचना आदान-प्रदान करने पर समझौते हुए हैं।
दोनों देशों के नेताओं के वक्तव्य
दिल्ली में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति ने कहा, भारत के साथ अफगानिस्तान मुद्दे पर भी चर्चा हुई है। कोई भी आतंकवादियों को अपने यहां आम नागरिक की तरह जगह नहीं दे सकता है और उन्हें सौपना ही चाहिए। मैं जानता हूं कि प्रत्यर्पण की प्रक्रिया जटिल होती है, इसके लिए कानूनी ढांचे की जरूरत है। ऎसा ढांचा तैयार होने के बाद आतंकवादियों को सौंप दिया जाना चाहिए, ताकि उन्हें सजा मिल सके। मेदवेदेव ने कहा कि रूस, पाकिस्तान से मांग करता है कि वह संयुक्त राज्य द्वारा आतंकी संगठनों पर लगाए गए पाबंदी को अमलीजामा पहनाए। इस मौके पर मनमोहन सिंह ने कहा कि रूस भारत का ऎसा दोस्त है, जिसने हर अच्छे-बुरे समय में भारत का साथ दिया है। उन्होंने कहा कि भारत के बाकी देशों से बढ़ते संबंधों के बावजूद रूस के साथ रिश्ता आगे बढ़ता रहेगा। भारतीय प्रधानमंत्री ने रूस-अमेरिका के बीच हुए निरस्त्रीकरण का स्वागत किया। दोनों देशों ने ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु संवर्धन कार्यक्रम का समर्थन किया।
यात्रा के निहितार्थ-
शीत युद्ध के दौरान भारत और सोवियत संघ के करीबी रिश्ते रहे हैं और रूसी राष्ट्रपति चाहते हैं कि उनकी कंपनियां अन्य विदेशी कंपनियों से परमाणु और रक्षा सौदों में पिछ़ड न जाएं। भारत और रूस के बीच वर्ष 2009 में व्यापारिक लेन-देन साढ़े सात अरब डालर तक पहुंच गया था। वर्ष 2010 के पहले नौ महीनों में इस राशि में बीस प्रतिशत वृद्धि हुई और आशा की जा रही है वर्ष 2015 तक इसका स्तर बीस अरब डालर तक पहुंच जाएगा। दोनों देशों के बीच सबसे बड़ी संयुक्त परियोजना दक्षिणी भारत में एक परमाणु बिजलीघर का निर्माण और शाखालीन फील्ड से तेल और गैस का निकालना है जिसमें भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी शामिल है। रूस में बने हथियारों के लिए भारत पुराना बाज़ार रहा है लेकिन अब दोनों देशों के संबंध बदल रहे हैं. भारत अब सिर्फ़ रूस से हथियार नहीं खरीदना चाहता बल्कि उनकी तकनीक भी सीखना चाहता है। इसके अतिरिक्त एशिया में चीन के बढ़ते कद के मद्देनजर भी भारत अन्य शक्तिशाली देशों का समर्थन चाहता है। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा के साथ ही फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी और अब रूसी राष्ट्रपति के आगमन का लाभ उठाने की मंशा के पीछे यही निहितार्थ रहा है। इसके साथ ही विश्व में चीन के पश्चात भारत के आर्थिक विकास की दर सबसे ऊंची है और इस दर ने उसे अमेरिका और यूरोप की संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था के लिए आकर्षण का केन्द्र बना दिया है।

Thursday, December 2, 2010

ओबामा की भारत यात्रा

अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने दस दिवसीय एशियाई दौरे की शुरुआत 6 नवम्बर को भारत दौरे से की। यात्रा का पहला दिन उन्होंने मुंबई में व्यतीत किया, जहां भारतीय व्यापार और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से मुलाक़ात की एवं अमेरिकी और भारतीय कंपनियों के बीच 10 अरब डॉलर के समझौतों की घोषणा की। 7 नवम्बर को दिल्ली पहुंचकर वह हुंमायूं का मक़बरा देखने गए और राजघाट में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। यहां राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से उऩकी मुलाकात हुई। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उनके सम्मान में भोज दिया। दिल्ली में ओबामा ने प्रतिबंधित तकनीकों के निर्यात से भी पाबंदी हटाने की बात कही। इसके तहत भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) को परमाणु ईंधन के दोहरे उपयोग की तकनीक हासिल करने की सुविधा मिल सकेगी। भारतीय संसद को संबोधित करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता का समर्थन किया। उन्होंने कहा, अमेरिका चाहता है कि संयुक्त राष्ट्र में सुधार होने चाहिए और भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य होना चाहिए। भारत और अमेरिका ने दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने और मज़बूत करने की घोषणा भी की। अमेरिकी राष्ट्रपित की यात्रा पर भारत और अमेरिका ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि 21वीं सदी में दुनिया भर में शांति क़ायम रखने के लिए एक सक्षम और प्रभावी संयुक्त राष्ट्र संघ की ज़रुरत है। समझौतों से अमेरिका में 50 हज़ार से अधिक रोज़गार अवसरों का निर्माण होगा। दोनों नेताओं ने इस बात पर ज़ोर दिया कि जो देश 21वीं सदी में नेतृत्व करना चाहते हैं, उनके लिए जरूरी है कि वे देश संयुक्त राष्ट्र के उद्देश्य यानि शांति और सुरक्षा, वैश्विक सहयोग और मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए ज़िम्मेदारी स्वीकार करें। नेता द्वय ने पूर्वी और मध्य एशिया तथा मध्य पूर्व में भारत और अमेरिका के बीच सामरिक सहयोग को और बढ़ाने पर बल दिया। अफ़ग़ानिस्तान में भारत की भूमिका की सराहना करते हुए ओबामा ने कहा कि भारत के सहयोग से अफ़ग़ानिस्तान को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी। भारत और अमरीका ने अफ़ग़ानिस्तान में कृषि और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में संयुक्त परियोजना शुरु करने का फैसला किया है।

16वें एशियाई खेलों का समापन

चीन में ग्वांग्झू में 27 नवम्बर को 16वें एशियाई खेलों का समारोहपूर्वक समापन हुआ। ये अब तक के सबसे बड़े एशियाई खेल थे जहाँ 42 खेलों में 476 स्वर्ण पदकों का फ़ैसला हुआ। 17वें एशियाई खेल दक्षिण कोरिया के इंचियोन में शहर आयोजित किए जाएंगे। इन खेलों में चीन ने 199 स्वर्ण, 119 रजत और 98 काँस्य पदकों सहित कुल 416 पदक जीते। दूसरे स्थान पर रहे दक्षिण कोरिया के 76 स्वर्ण, 65 रजत और 91 कांस्य पदकों सहित कुल 232 पदक थे। जापान 48 स्वर्ण पदकों के साथ तीसरे स्थान पर रहा। भारत को 14 स्वर्ण, 17 रजत, 33 कांस्य सहित कुल 66 पदक प्राप्त हुए। वह छठवें स्थान पर रहा।
चीन ने जीते सर्वाधिक पदक
इन खेलों में 45 एशियाई देशों और क्षेत्रों के लगभग 10 हज़ार एथलीट्स ने हिस्सा लिया। पदक तालिका में 36 देशों और क्षेत्रों को जगह मिली जबकि स्वर्ण कुल मिलाकर 28 देशों और क्षेत्रों ने जीते। इनमें 1400 ड्रग टेस्ट हुए जिनमें से दो लोगों के नमूने पॉज़िटिव पाए गए। एथलेटिक्स में चीन का बोलबाला रहा जहां उसने 13 स्वर्ण सहित कुल 36 पदक जीते। दूसरे नंबर पर पांच स्वर्ण के साथ भारत रहा। बास्केटबॉल में भी चीन ने पुरुष और महिला दोनों वर्गों में स्वर्ण अपने पास बरक़रार रखा। मुक्केबाज़ी में चीन ने पांच स्वर्ण सहित कुल 10 पदक जीते जबकि भारत के पास दो स्वर्ण सहित कुल नौ पदक आए। फ़ुटबॉल में जापान ने महिलाओं और पुरुषों दोनों ही वर्गों में स्वर्ण पदक पर क़ब्ज़ा किया। हॉकी में चीन ने महिलाओं का स्वर्ण जीता। उधर कुश्ती में ईरान सबसे आगे रहा, जिसने सात स्वर्ण पदक जीते, जापान को तीन स्वर्ण मिले।
भारत का प्रदर्शन-राउंडअप
भारत को सबसे ज्यादा स्वर्ण पदक एथलेटिक्स में मिले। इसके साथ ही पिछले खेलों के मुक़ाबले मुक्केबाज़ी में भारत के प्रदर्शन में सबसे ज़बर्दस्त सुधार हुआ। टेनिस में भी भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया और दो स्वर्ण, एक रजत और दो काँस्य पदक जीते। एथलेटिक्स के अलावा अलग अलग वर्ग के दौड़ में भी भारत ने अपना परचम लहराया। दोहा एशियाई खेलों निशानेबाज़ी (पिस्टल के मुक़ाबलों) में भारत को तीन स्वर्ण मिले थे जबकि यहां मात्र एक स्वर्ण मिला। पिछले एशियाई खेलों में सिर्फ़ दो काँस्य पदक लाने वाले मुक्केबाज़ों ने इस बार भारत को कुल नौ पदक दिलाए और उसमें भी दो स्वर्ण थे। रोइंग ने पाँच पदक दिलाए जिसमें बजरंग लाल टाखर का पुरुषों के एकल स्कल्स में स्वर्ण भी शामिल था। पंकज आडवाणी ने बिलियर्ड्स में पहला स्वर्ण भारत को दिलाया। शतरंज में देश को मात्र दो काँस्य पदकों से ही संतोष करना पड़ा। टेनिस में सोमदेव देवबर्मन ने एकल और युगल में स्वर्ण जीता। तीरंदाज़ी में भारतीय पुरुष और महिला टीमों को काँस्य पदक मिले। आशीष कुमार ने भारत को पहली बार एशियाई खेलों में काँस्य दिलाया। इसी तरह तैराकी में भारत को 24 साल बाद कोई पदक मिला। भारतीय हॉकी टीमें स्वर्ण जीतकर सीधे लंदन ओलंपिक के लिए क्वॉलिफ़ाई करने के इरादे से आई थीं मगर महिला टीम तो चौथे स्थान पर रही जबकि पुरुष टीम सेमीफ़ाइनल में मलेशिया से हार गई और बाद में काँस्य जीत सकी। कबड्डी में महिलाओं के वर्ग में स्वर्ण भारत को ही मिला। राष्ट्रमंडल खेलों में अच्छे प्रदर्शन के बाद कुश्ती से भारत को काफ़ी उम्मीदें थीं मगर अलका तोमर और सुशील कुमार जैसे प्रमुख पहलवानों की ग़ैर-मौजूदगी में भारत सिर्फ़ तीन काँस्य पदक ही जीत सका।

पदक तालिका
स्थान देश स्वर्ण रजत कांस्य कुल
1 चीन 199 119 98 416
2 दक्षिण कोरिया76 65 91 232
3 जापान 48 74 94 216
4 ईरान 20 14 25 59
5 कजाकिस्तान18 23 38 79
6 भारत 14 17 33 64
7 चीनी ताइपे 13 16 38 67
8 उज्बेकिस्तान11 22 23 56
9 थाईलैण्ड 11 9 32 52
10 मलेशिया 9 18 13 40
11 हांगकांग 8 15 17 40
12 उत्तर कोरिया6 10 20 36
13 सऊदी अरब 5 3 5 13
14 बहरीन 5 0 4 9
15 इंडोनेशिया4 9 13 26
16 सिंगापुर 4 7 6 17
17 कुवैत 4 6 1 11
18 कतर 4 5 7 16
19 फिलीपींस3 4 9 16
20 पाकिस्तान 3 2 3 8

नवम्बर-2010 में खास खबरें

एक नवम्बर- चीन में विश्व की सबसे बड़ी जनगणना शुरू। डिल्मा चुनी गईं ब्राजील की राष्ट्रपति।
दो नवम्बर- जापान ने की रूस से राजदूत वापस बुलाने की घोषणा। लॉर्ड स्वराज पॉल ने दिया हाउस आफ लार्ड्स के डिप्टी स्पीकर पद से त्यागपत्र।
तीन नवम्बर- निकी हैले चुनी गईं अमेरिकी प्रांत दक्षिण कैरोलिना की गवर्नर। रूस के पूर्व प्रधानमंत्री विक्टर चेरनोमिरदिन का निधन।
चार नवम्बर- स्वदेशी विमान इंजन कावेरी का सफल परीक्षण। कोल इंडिया बनी भारत की पांचवीं मूल्यवान कंपनी।
पांच नवम्बर- म्यांमार में विशाल मार्च के बाद आंग सान सू की रिहाई की तैयारी में जुटी सरकार।
छह नवम्बर- अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत यात्रा पर मुंबई पहुंचे। जकाया किकविते तंजानिया के दोबारा राष्ट्रपति। भारत संयुक्त राष्ट्र की महत्वपूर्ण बजट संबंध समिति में चुना गया।
सात नवम्बर- आस्ट्रेलिया ने श्रीलंका के विरुद्ध एकदिवसीय क्रिकेट सीरीज जीती। रोजर फेडरर स्वस इंडोर्स टेनिस विजेता।
आठ नवम्बर- अमेरिका और आस्ट्रेलिया में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी पर समझौता। दक्षिण अफ्रीका ने पाकिस्तान को हराकर जीती वन-डे सीरीज।
नौ नवम्बर- उड़ीसा का नाम बदलकर ओडिशा करने को लोकसभा की मंजूरी। अमेरिका राष्ट्रपति बराक ओबामा नई दिल्ली से इंडोनेशिया रवाना।
10 नवम्बर- पृथ्वीराज चह्वाण बने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री। जी-20 सम्मेलन में भाग लेने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सियोल रवाना।
11 नवम्बर- सचिन तेंदुलकर विश्वकप 2011 के ब्रांड अम्बेस्डर नियुक्त। पृथ्वीराज चह्वाण ने ली महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ।
12 नवम्बर- चीन में 16वें एशियाई खेलों का शुभारंभ। म्यांमार में आन सांग सू की को रिहा करने के आदेश।
13 नवम्बर- निशानेबाज गगन नारंग ने 16वें एशियाई खेलों में भारत का पहला पदक जीता। संयुक्त राष्ट्र की स्थाई सदस्यता पर भारत को जापान का समर्थन।
14 नवम्बर- केन्द्रीय संचार मंत्री के पद से ए. राजा का त्यागपत्र। फिलन बने फ्रांस के प्रधानमंत्री।
15 नवम्बर- नेपाल में प्रधानमंत्री पद को 17 वें दौर का चुनाव टला। जमीयत उलेमा ए हिंद ने अयोध्या मामले में की सुप्रीम कोर्ट में अपील।
16 नवम्बर- मोबाइल स्पेक्ट्रम आवंटन पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट संसद में पेश। इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मांगा प्रधानमंत्री से स्पष्टीकरण।
17 नवम्बर- एशियाई खेलों की वुशु स्पर्धा में भारत को पहली बार रजत पदक। चीन ने पेश किया दुनिया का सबसे तेज सुपर कम्प्यूटर तिहान्हे 1-ए।
18 नवम्बर- एशियाई खेलों में नौकायन में भारत को दो रजत पदक। तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा को मदर टेरेसा मेमोरियल इंटरनेशनल अवार्ड।
19 नवम्बर- गृहमंत्री पी. चिदम्बरम ने की राजीव गांधी नवयुवती सशक्तिकरण योजना (सबला) की शुरुआत। ब्राजील के पूर्व प्रधानमंत्री लुइस इनासियो लूला को इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार की घोषणा।
20 नवम्बर- नाटो ने किया मिसाइल सुरक्षा प्रणाली लगाने का निर्णय। बिहार विधानसभा चुनावों में मतदान का अंतिम चरण सम्पन्न।
21 नवम्बर- भारत ने जीते एशियाई खेलों में तीन स्वर्ण पदक। तंबाकू प्रयोग पर नियंत्रण के लिए 172 देशों में बनी सहमति।
22 नवम्बर- केन्द्रीय सर्तकता आयुक्त पीजे थॉमस की नियुक्ति पर उठाया प्रश्न। मुंबई में एक और हवाई अड्डे को स्वीकृति।
23 नवम्बर- सोमदेव देवबर्मन ने जीता एशियाई टेनिस में एकल स्पर्धा का स्वर्ण। ऋण संकट से त्रस्त आयरलैंड को यूरोपीय संघ और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) से मिला बेलआउट पैकेज।
24 नवम्बर- बिहार विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ गठबंधन को स्पष्ट बहुमत। मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सेवा की हरियाणा टेलीकॉम सक्रिल से शुरुआत।
25 नवम्बर- भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने आईपीएल से कोच्चि की टीम को किया बाहर। मिसाइल अग्नि-1 का परीक्षण सफल।
26 नवम्बर- सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की कार्यशैली पर की सख्त टिप्पणियां। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल पहुंचीं सीरिया की राजधानी दमिश्क।
27 नवम्बर- ग्वांग्झू एशियाई खेलों का समापन। बास्केटबॉल खेलते वक्त अमेरिकी राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा हुए चोटिल।
28 नवम्बर- भारत ने एक दिवसीय क्रिकेट मैच में न्यूजीलैण्ड को हराया। भारत-सीरिया ने बनाई साझा व्यापार परिषद।
29 नवम्बर- वेबसाइट विकीलीक्स ने लीक किए अमेरिकी गोपनीय दस्तावेज। राष्ट्र विरोधी टिप्पणी पर हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी और लेखिका अरुंधति राय पर दिल्ली में मुकदमा दर्ज।
30 नवम्बर- अमर प्रताप सिंह बने केंद्रीय जांच ब्यूरो [सीबीआई] के नए निदेशक। बिहीर में नवगठित 15वीं विधानसभा का पहला सत्र आरंभ।