Saturday, November 13, 2010

क्या है ब्ल्यू कॉर्नर नोटिस?

ब्ल्यू कॉर्नर नोटिस का मकसद इंटरपोल के सदस्य देशों से संबंधित व्यक्ति, जिसके विरुद्ध यह नोटिस जारी किया गया है, से संबंधित व्यक्तिगत और उसकी गतिविधियां आदि अन्य जानकारियां जुटाना होता है। किसी व्यक्ति को ब्लू कॉर्नर नोटिस दिए का मतलब है कि उसकी यात्राओं पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया जाना। इसे सामान्य भाषा में तलाश नोटिस कहा जाता है, हालांकि जिस देश में वह रह रहा है, वहां उसे रेड कॉर्नर नोटिस की तरह गिरफ्तार नहीं किया जाता बल्कि सामान्य रूप में संबंधित देश को पूरी सूचना दे दी जाती है। लेकिन जरूरत पड़ने पर आरोपी को वापस लाने के लिए इस नोटिस के तहत प्रत्यर्पण की प्रक्रिया भी शुरू की जा सकती है। जबकि ब्ल्यू अलर्ट का मतलब है कि उस व्यक्ति विदेश यात्रा से पहले जांच-पड़ताल या पूछताछ की जा सकती है। उसे एयरपोर्ट पर उड़ान के दौरान गिरफ्तार भी किया जा सकता है। हाल ही में चर्चा में आए इंडियन प्रीमियर क्रिकेट लीग के पूर्व चेयरमैन ललित मोदी पर फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट के उल्लंघन का आरोप है।
कौन जारी करता है यह नोटिस
इंटरपोल(Interpol) के स्तर से यह नोटिस जारी किया जाता है, जिसका पूरा नाम है International Criminal Police Organization। यह अंतर्राष्ट्रीय संस्था है जो विभिन्न देशों के पुलिस के बीच सहयोग करके अंतर्राष्ट्रीय अपराधियों को पकड़ती है। इसका मुख्यालय फ्रांस के लियोन शहर में स्थित है। यह नोटिस इंटरपोल की अधिकृत भाषा में जारी किए जाते हैं।
कौन-कौन से होते हैं नोटिस
इंटरपोल सात तरह के नोटिस जारी करती है जिनमें छह तो उनके रंगों से पहचाने जाते हैं, यह हैं रेड, ब्ल्यू, ओरेंज, येलो, ग्रीन और ब्लैक जबकि सातवें का नाम है इंटरपोल-यूएन सिक्योरिटी काउंसिल स्पेशल नोटिस। सन 2009 में इंटरपोल ने 7290 नोटिस जारी किए थे। रेड कॉर्नर नोटिस अस्थाई आग्रह होता है जिसमें व्यक्ति को प्रत्यर्पण के लिए गिरफ्तार करने को कहा जाता है। ओरेंज नोटिस पुलिस और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को पार्सल बम आदि विभिन्न प्रकार के खतरों से आगाह करने के लिए जारी होता है। येलो नोटिस उन लोगों की तलाश करने का आग्रह है जो विशेष रूप से कम उम्र या अपनी पहचान बता पाने में अक्षम होते हैं। ग्रीन नोटिस उन अपराधियों के बारे में चेतावनी या जानकारी के रूप में होता है जिनके अन्य देशों में भी इसी प्रकार के अपराध करने की आशंका होती है। ब्लैक नोटिस अज्ञात शवों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के उद्देश्य से जारी होता है। इंटरपोल-संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद विशेष नोटिस आतंकवादी संगठन अल कायदा और तालिबान के संबंध में है। 2005 में सुरक्षा परिषद के विशेष आग्रह पर शुरू किए गए इस नोटिस का मकसद आतंकी खतरे के विरुद्ध समय पूर्व एकजुटता और तैयारियां हैं।

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